
्पत्रकार ब्यूरो चीफ प्रैस रिपोर्टर राजीव सिकरवार वन्दे भारत लाइफ टीवी न्यूज चैनल आगरा उत्तर प्रदेश ्
एक तरफ मोदी आतंकवाद मिटा रहे हैं, दूसरी तरफ शिक्षा माफिया कर रहा है गरीब की जेब पर वार, कार्रवाई कब होगी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आतंकवाद को जड़ से खत्म करने में जुटे हैं, पाकिस्तान तक में घुसकर मारने वाले हिंदुस्तान में बैठे उन शिक्षा माफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही जो गरीब मां-बाप की जेब से हर महीने हजारों रुपये नोच रहे हैं। किताबों के नाम पर, यूनिफॉर्म के नाम पर, फंड के नाम पर, स्कूल फीस के नाम पर बच्चों के भविष्य से नहीं, गरीबों की रोटियों से खिलवाड़ हो रहा है। सवाल ये है कि क्या ये शिक्षा या शोषण है? सबसे बड़ा सवाल – क्या योगी सरकार की आंखों पर भी कमीशन की पट्टी बंध चुकी है? जिस सरकारी शिक्षक को सरकार वेतन देती है वो खुद अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ा रहा है, तो क्या ये प्रमाण नहीं कि सरकारी स्कूलों की दुर्दशा को अफसर और टीचर खुद जानते हैं? गरीब मां-बाप BSA से लेकर DM तक एप्लीकेशन दे रहे हैं, लेकिन हर जगह एक ही जवाब – “जांच करवा रहे हैं।” साल भर से जांच हो रही है लेकिन आज तक किसी शिक्षा माफिया पर एक भी कार्रवाई नहीं हुई, क्यों? क्योंकि ऊपर तक कमीशन पहुंचता है, DM से लेकर प्रमुख सचिव तक को सब पता है, लेकिन कार्रवाई नहीं करते क्योंकि सबको हिस्सा तय है। ब्रांडेड अखबारों में दर्जनों बार खबरें छप चुकी हैं, फिर भी सिस्टम टस से मस नहीं होता। अधिकारी गुमराह किए जा रहे हैं, या खुद आंखें मूंदे बैठे हैं? गरीबों की आत्माएं चीख रही हैं, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं। सवाल यह नहीं कि जांच कब होगी, सवाल ये है कि क्या कार्रवाई कभी होगी? या इंतजार है किसी गरीब की आत्महत्या की? मोदी जी आतंकवादियों को मार सकते हैं तो योगी जी शिक्षा माफिया को क्यों नहीं? सिस्टम तब जागेगा जब गरीब मर जाएगा? हम पूछते हैं – क्या संविधान में सिर्फ अमीरों को पढ़ने का हक है? अगर नहीं तो फिर गरीबों के लिए ये अत्याचार क्यों? सच ये है कि शिक्षा अब व्यापार बन चुकी है, और अधिकारी उस व्यापार के दलाल। अब वक्त है जवाब का नहीं, सीधी कार्रवाई का, नहीं तो जनता पूछेगी – क्या माफिया और सरकार की मिलीभगत है?
्पत्रकार ब्यूरो चीफ प्रैस रिपोर्टर राजीव सिकरवार वन्दे भारत लाइफ टीवी न्यूज चैनल आगरा उत्तर प्रदेश ्
(सच्चाई से समझौता न करने वाला पत्रकार)